Hindi Debate/ Roleplay competition: A memorable experience
The Prabodhan inter-school Hindi debate roleplay competition was organized by Smt Sulochana Singhania School. This event took place on the 17th of September, 2021. We, the DP 2 students (Aashna and Mahi), were each assigned a team that consisted of students from different international schools all over Mumbai.
Teams in the competition, composed of four members each, were assigned a different topic along with different roles/characters that the members had to play. After this, the teams had to come up with a common stance but also had to convey the same through four different perspectives (according to the roles assigned) which was quite challenging. The contacts of our team members and our topics were provided to us only 24 hours before the event took place, which was another challenging aspect of the debate/role play competition. This is mostly because communicating with each of our team members, people we had never spoken to before, was rather difficult in such short notice. The topics both of us got were ‘Right to equality for women – is it only a matter of discussion?’ (Mahi) and ‘Has the future and development of other sports stifled in the glare of cricket?’ (Aashna). These topics are quite unique and also very relevant to today’s day and age.
On the day of the competition, there were several participants that gathered which made this one of the biggest events that took place online. This gave us an opportunity to interact with students from different schools in the middle of a pandemic where there are basically no means to socialize or even meet new people.
We had a rebuttal round which took place after every team presented what they had come up with in the 24 hours of prep time. Even though it was quite overwhelming to talk in front of so many people and convey our points and ideas, it soon transferred into excitement as the event commenced.
This was our first Hindi debate competition where we represented EIS and we hope to take part in more of these as this was definitely an experience worth remembering. This not only helped us convey our ideas much clearly but also gave the other teams a chance to question our stance. In the process, we gained immense knowledge and confidence. We are also glad to announce that Aashna’s team won the competition!
हिंदीवाद-विवाद/भूमिकाप्रतियोगिता: एकयादगारअनुभव
कवरस्टोरी:
सिंघानिया आईबीडीपी द्वारा प्रबोधन अंतर-विद्यालय हिंदी वाद-विवाद/भूमिका प्रतियोगिता का आयोजन १७ सितम्बर २०२१ को किया गया। डी.पी. 2 के दो की छात्रा, आशना और माही ने प्रतियोगिता में भाग लिया और उनहोंने अपना समग्र अनुभव नीचे साझा किया है।
ब्लॉग :
सिंघानिया आईबीडीपी द्वारा प्रबोधन अंतर-विद्यालय हिंदी वाद-विवाद/भूमिका प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन 17 सितंबर, 2021 को हुआ था। हम, डीपी 2 (आशना और माही) को एक टीम के रूप में मुंबई के इस विद्यालय में प्रतिभागी के रूप में भेजा गया जहां विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के छात्र भी शामिल थे।
प्रतियोगिता में टीमों, जिनमें चार सदस्य शामिल थे, उन्हें अलग-अलग विषयों के साथ-साथ अलग-अलग भूमिकाएँ / चरित्र दिए गए थे, जिन्हें सदस्यों को निभाना था। इसके बाद, टीम को एक सामान्य उद्देश्य के साथ अपनी बात को आगे रखना था, किन्तु उसे चार अलग-अलग दृष्टिकोणों (सौंपा गया भूमिकाओं के अनुसार) के साथ संप्रेषित करने की चुनौती थी । प्रतियोगिता के लिए विद्यालय(सिंघानिया) द्वारा जो विषय निर्धारित किये गये थे वे हम सभी टीमों को नियमतः मात्र 24 घंटे पहले ही दिए गये। हमारे लिए भी यह किसी चुनौती से कम नहीं था। इस पर हमारी टीम के प्रत्येक सदस्य के साथ संवाद करना, जिन लोगों से हमने पहले कभी बात नहीं की थी, यह हमारे लिए यह किसी पर्वतारोहण से कम नहीं था। इतने कम समय में हम लोगों ने इस तरह की कभी कोई तैयारी नहीं की थी, इसलिए यह दुरूह लग रहा था।
हम दोनों को जो विषय मिले वह थे वे ‘महिलाओं के लिए समानता का अधिकार – क्या यह केवल चर्चा का विषय है?’ (माही) और ‘क्या क्रिकेट की चकाचौंध में अन्य खेलों का भविष्य और विकास दब गया है?’ (आशना)थे । ये विषय हमारे लिए नए तो नहीं थे, किन्तु समय की पाबंदी को देखते हुए थोड़े कठिन तो अवश्य लग रहे थे। हलांकि ऐसे प्रासंगिक विषय को देखते हुए मन में उत्सुकता भी बहुत थी।
प्रतियोगिता के दिन, कई प्रतिभागी एकत्र हुए थे, जिसने इसे ऑनलाइन होने वाले सबसे बड़े आयोजनों में से एक बना दिया। इस प्रतियोगिता ने हमें कोविड महामारी के बीच विभिन्न स्कूलों के छात्रों के साथ बातचीत करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया, अन्यथा ऐसे में आमने-सामने मिलने का तो कोई औचित्य ही नहीं बनता।
भले ही इतने सारे लोगों के सामने बात करना और अपने विचारों को सामने रखना हमारे लिए कोई खेल नहीं था, विशेष रूप से केवल 24 घंटे की तैयारी में किन्तु, जब प्रत्येक टीम की प्रस्तुति के बाद होने वाले खंडन-मंडन का दौर आया तो ऐसे में न जाने कहां से इतना उत्साह और ऊर्जा आ गयी कि मन से सारा डर ही निकल गया।
यह हमारी पहली हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता थी जहां हमने अपने एडूब्रिज स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था और अब ऐसा लगता है कि हम और भी ऐसी प्रतियोगिताओ में भाग लें। हम उम्मीद करते हैं कि आगे अवश्य ही हमें इस तरह का मौका फिर से मिलेगा। इस प्रतियोगिता ने न केवल हमें अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में हमारी मदद की और अन्य टीमों को हमारे औचित्य और दृष्टिकोण पर सवाल उठाने का मौका दिया, बल्कि इसने हमारे आत्मविश्वास में चार चाँद भी लगा दिए । अंत में हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आशना की टीम ने प्रतियोगिता जीती।